आंध्र सरकार ने किसानों के लिए शुरू की ‘ऋतु भरोसा’ योजना

 अमरावती, 15 अक्टूबर (आईएएनएस)| आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस.आर. जगन मोहन रेड्डी ने अपने प्रमुख चुनावी वादे को पूरा करते हुए मंगलवार को ‘वाईएसआर ऋतु भरोसा योजना-पीएम किसान’ का शुभारंभ किया।

  इसके अंतर्गत प्रत्येक किसान को निवेश सहयोग के तौर पर प्रतिवर्ष 13,500 रुपये मिला करेंगे। मुख्यमंत्री ने नेल्लोर जिला में काकुटुर में लाभार्थियों को चेक देकर अपनी प्रमुख योजना शुरू की।

योजना से राज्य में भूमिहीन पट्टेदार किसानों समेत कुल 54 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। इसके तहत योजना की राशि लाभार्थियों के खातों में सीधे भेजी जाएगी।

इस अवसर पर जनसभा संबोधित करते हुए रेड्डी ने कहा कि वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) ने चुनाव प्रचार के दौरान हालांकि 12,500 रुपये प्रति वर्ष देने का वादा किया था, लेकिन सरकार ने 1,000 रुपये और बढ़ाने का फैसला किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आर्थिक बाधाओं के बावजूद उनकी सरकार योजना को पांच साल तक लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।

उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने हालांकि 43 लाख लाभार्थियों को चिह्नित किया था, लेकिन वाईएसआरसीपी सरकार ने पारदर्शी सर्वेक्षण कराकर सभी योग्य लाभार्थियों को इसमें शामिल किया जो पिछले सर्वेक्षण में रह गए थे।

उन्होंने दावा किया कि भूमिहीन किसानों के लिए इतना ज्यादा आर्थिक सहयोग देने वाली योजना सिर्फ आंध्र प्रदेश में लागू हुई है। सभी 54 लाख लाभार्थियों में तीन लाख भूमिहीन किसान अनुसूचित जाति (एससी), अनुसूचित जनजाति (एसटी), पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) और अल्पसंख्यक समुदाय हैं।

रेड्डी ने कहा कि वाईएसआरसीपी ने यह योजना मई 2020 में लागू करने का वादा किया था, लेकिन उसने यह योजना आठ महीने पहले ही लागू कर दी है।

केंद्र की प्रधानमंत्री किसान निधि योजना के अंतर्गत लाभार्थियों को 6,000 रुपये दिए जाएंगे, वहीं शेष राशि राज्य सरकार देगी। केंद्र की योजना के दायरे में नहीं आने वालों को राज्य सरकार ही पूरी राशि देगी।

उन्होंने कहा कि लाभार्थी किसानों को जून में 2,000 रुपये दिए गए थे और अब उन्हें 9,500 रुपये दिए जाएंगे। शेष 2,000 रुपये संक्रांति पर दिए जाएंगे।

अगले साल से प्रत्येक लाभार्थी को मई में खरीफ की शुरुआत के समय 7,500 रुपये दिए जाएंगे। इसके बाद 4,000 रुपये अक्टूबर में फसल कटाई या रबी की फसल के लिए दिए जाएंगे। शेष 2,000 रुपये संक्रांति के मौके पर दिए जाएंगे।