असंतुष्टों के तेवर पड़े नरम; भाजपा की राह हुई आसान

पिम्परी। दोनों विधायकों व कोर कमेटी की बैठक के बाद असंतुष्टों के तेवर नरम पड़ गये हैं। इससे स्थायी समिति अध्यक्ष पद के चुनाव में सत्ताधारी भाजपा की राह आसान बन सकी है। हांलाकि राष्ट्रवादी कांग्रेस का प्रत्याशी मैदान में है मगर संख्याबल को देखते हुए यह चुनाव महज औपचारिकता भर साबित होगा। भाजपा प्रत्याशी ममता गायकवाड़ और स्थायी समिति अध्यक्ष पद की कुर्सी के बीच अब मामूली सा फासला रह गया है।

स्थायी समिति अध्यक्ष पद का चुनाव चंद मिनटों की दूरी पर है। इसके मैदान में सत्ताधारी भाजपा की ममता गायकवाड़ और राष्ट्रवादी कांग्रेस के मोरेश्वर भोंडवे हैं। भाजपा विधायक महेश लांडगे गुट को मौका न मिलने से भाजपा में भारी घमासान छिड़ा रहा। इस पद के लिए तीव्र इच्छुक राहुल जाधव, शीतल शिंदे समेत लांडगे समर्थक महापौर नितीन कालजे, क्रीड़ा समिति अध्यक्ष लक्ष्मण सस्ते ने अपने पदों से इस्तीफों की पेशकश कर अपनी नाराजगी जताई। इस नाराजगी का लाभ उठाने में जुटी राष्ट्रवादी कांग्रेस के मनसूबों पर तब पानी फिर गया। जब भाजपा के असंतुष्टों के तेवर नरम पड़ गए और वे सभी चुनाव के लिए मनपा मुख्यालय में दाखिल हो गए। असल में बीती रात वाकड के एक सितारा होटल में भाजपा की कोर कमेटी की एक बैठक हुई, जिसमे स्थायी समिति के सभी सदस्य और दोनों विधायक शामिल हुए। इसमें पार्टी प्रत्याशी को जिताने पर एकमत हुआ। इससे भाजपा की ममता गायकवाड़ की जीत निश्चित है क्योंकि 16 सदस्यों वाली स्थायी समिति में भाजपा के 11 सदस्य हैं। चंद मिनटों में इसका फैसला हो जाएगा।