अवैध हॉकरों के खिलाफ अभियान छेड़े हुए है ये शख्स

पुणे समाचार : नीरज नैयर
ऐसे वक़्त में जब लोग सड़क हादसे में घायल को अस्पताल पहुंचाने के बजाए वीडियो बनाने में मशगूल रहते हैं, एक शख्स हजारों-लाखों रेल यात्रियों की सेहत से खिलवाड़ करने वाले अवैध हॉकरों के खिलाफ अभियान चलाए हुआ है। और वह शख्स है 30 वर्षीय मुकेश कुमार तांतेड़। मुकेश काफी पहले ही रेलवे में सक्रिय अनधिकृत हॉकरों के खिलाफ जंग का ऐलान कर चुके हैं। सफर के दौरान उन्हें जब भी कोई अवैध हॉकर दिखाई देता है, वे टीटीई के मार्फत शिकायत दर्ज करवाना नहीं भूलते। मूलरूप से हुबली निवासी मुकेश को काम के सिलसिले में अक्सर एक शहर से दूसरे शहर आना जाना पड़ता है। ऐसे में हॉकरों से उनका आमना-सामना आम बात है। मुकेश ने सबसे ज्यादा शिकायतें मध्य रेलवे में दर्ज करवाई हैं। जिसमें से मुंबई ने उनकी कुछ शिकायतों पर कार्रवाई भी की, लेकिन पुणे रेल मंडल की तरफ से उन्हें कोई खास प्रतिक्रिया नहीं मिली।

क्या रेलवे ज़िम्मेदारी लेगा?
पुणे समाचार से बातचीत में मुकेश ने कहा, लाखों यात्रियों की सेहत से खिलवाड़ का कारोबार धड़ल्ले से चल रहा है। अनधिकृत हॉकर जो खाद्य सामग्री बेचते हैं, उसकी क्वालिटी सब जानते हैं। यदि कोई यात्री इसके चलते अपनी जान गंवाता है, तो क्या रेलवे ज़िम्मेदारी लेगा? ट्रेन से लेकर प्लेटफ़ॉर्म तक अवैध हॉकर खुलेआम घूमते हैं, लेकिन अधिकारियों को नज़र नहीं आते। ट्रेन में टीटीई के साथ-साथ आरपीएफ-जीआरपी के जवान भी होते हैं, लेकिन हॉकरों पर किसी ने खुद कार्रवाई की हो मैंने ऐसा आज तक नहीं देखा।

ऐसे हुई शुरुआत
अनधिकृत हॉकरों के खिलाफ मुकेश की जंग की शुरुआत कुछ साल पहले सफर के दौरान ही हुई। मुकेश बताते हैं, मैं अपने परिवार के साथ हुबली जा रहा था। ट्रेन के पुणे स्टेशन छोड़ते ही कुछ हॉकर हमारी बोगी में सवार हुए। उन्होंने न तो कोई यूनिफॉर्म पहनी थी और न ही उनके पास कोई आई-कार्ड था। वे दोगुने दाम पर सामान बेच रहे थे, जिसे लेकर मेरी उनसे कहासुनी हो गई। जब मैंने शिकायत की धमकी दी तो उनमें से एक हॉकर ने अपने कुछ साथियों को फोन कर दिया। ट्रेन के अगले स्टेशन पहुंचते ही कुछ और लोग हमारी बोगी में धमके। उन हॉकरों से काफी देर तक हमारा विवाद हुआ। उसी दिन मैंने ठान लिया कि इन हॉकरों के खिलाफ अभियान छेड़कर रहूंगा।

कुछ पर हुई कार्रवाई
मुकेश ने अलग-अलग रेल मंडलों में सैकड़ों शिकायतें दर्ज कराई हैं। उन्हें सबसे अच्छा रिस्पॉन्स वेस्टर्न रेलवे से मिला। इसके अलावा मुंबई रेल मंडल ने भी मुकेश की कुछ कम्प्लेंट्स के आधार पर कार्रवाई की जानकारी उन्हें दी। लेकिन पुणे मंडल की प्रतिक्रिया काफी फीकी रही। मुकेश कहते हैं, पुणे से जो जवाब आए उससे एक में इस बात का जिक्र था कि पिछले कुछ वक्त में कितने अनधिकृत हॉकरों पर कार्रवाई की गई। जबकि दूसरे में हॉकरों के अस्तिव पर ही सवाल उठाए गए।

दोस्त भी हुए प्रेरित
अवैध हॉकरों के खिलाफ मुकेश की जंग ने उनके कई दोस्तों को भी प्रभावित किया है। मुकेश के दोस्तों को भी सफर के दौरान अगर कोई हॉकर नजर आता है, तो वो उसकी शिकायत जरूर दर्ज करवाते हैं। मुकेश कहते हैं, हमारी शिकायतों पर रेलवे वास्तव में कितनी कार्रवाई करता है, ये तो नहीं पता। लेकिन हम आवाज उठाना बंद नहीं करेंगे। आखिरकार ये लाखों यात्रियों की सेहत का मामला है।