अर्नब के चैट पर कांग्रेस बोली, वर्गीकृत जानकारी लीक करना देशद्रोह

नई दिल्ली, 20 जनवरी (आईएएनएस)। पत्रकार अर्नब गोस्वामी के कथित सोशल मीडिया चैट लीक होने पर कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र सरकार को आड़े हाथ लेते हुए इसे देशद्रोह बताया और बालाकोट हवाई हमले के बारे में इस तरह की वर्गीकृत जानकारी लीक होने की तत्काल जांच की मांग की।

कांग्रेस ने यह भी कहा कि वह कथित चैट लीक के मुद्दे को संसद के बजट सत्र में उठाएगी।

इस मसले पर कांग्रेस नेता पूर्व रक्षामंत्री ए.के. एंटनी, पूर्व गृहमंत्री सुशील कुमार शिंदे, पूर्व कानून मंत्री सलमान खुर्शीद और पार्टी प्रवक्ता पवन खेड़ा सरकार को घेरेंगे।

यहां पार्टी मुख्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एंटनी ने कहा, रिपब्लिक टीवी के गोस्वामी और बीएआरसी के पूर्व सीईओ के बीच लीक हुई चैट की सामग्री पूरे देश के लिए एक गंभीर मुद्दा है।

एंटनी ने कहा कि किसी भी देशभक्त भारतीय के लिए यह एक झटका है और चिंता का विषय है, क्योंकि यह राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करता है।

कांग्रेस नेता ने कहा, यह सशस्त्र बलों की सुरक्षा को प्रभावित करता है, विशेष रूप से वायुसेना के बहादुर योद्धाओं की सुरक्षा को। .. और जिस तरह से उन्होंने (गोस्वामी और बीएआरसी के पूर्व सीईओ) सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत का जिक्र किया, वह सब हमारे लिए गंभीर चिंता का विषय है।

उन्होंने कहा कि देश और राजनीतिक दलों के लोगों के बीच कई मुद्दों पर मतभेद हो सकते हैं, लेकिन जब देश की रक्षा की बात आती है तब धार्मिक दायरे और पार्टी लाइनों से ऊपर उठकर वे एकजुट हो जाते हैं।

एंटनी ने कहा, लेकिन अब यह स्पष्ट है कि वर्गीकृत दस्तावेज, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा और सबसे संवेदनशील गुप्त हवाई हमलों पर भी विचार किया जा रहा था, उसके बारे में जानकारी उन लोगों को दी गई, जो इसकी उम्मीद नहीं करते थे और वे दस्तावेज हासिल करने के लिए अधिकृत नहीं थे।

उन्होंने कहा, गोस्वामी और बीएआरसी के पूर्व सीईओ पार्थो दासगुप्ता के बीच चैट लीक होने और सीआरपीएफ के 40 जवानों की शहादत का उल्लेख करते समय जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया गया, उससे मैं बहुत दुखी और स्तब्ध हूं।

कांग्रेस नेता ने सरकार के प्रति नाराजगी जताते हुए कहा, बालाकोट हवाई हमले से तीन दिन पहले, एक पत्रकार को इसका विवरण कैसे मिल गया? जबकि इसका असर ऑपरेशन और उसकी प्रभावशीलता पर पड़ता।

एंटनी ने कहा, यहां तक कि सभी कैबिनेट मंत्रियों से यह अपेक्षा नहीं की जाती कि वे कुछ मुट्ठीभर लोगों और सेना से जुड़े लोगों को इस तरह के ऑपरेशनों के बारे में सूचित करेंगे।

उन्होंने कहा, ये दस्तावेज मीडिया में लीक किए गए, लेकिन पूरे मीडिया में नहीं, बल्कि केवल एक पत्रकार को और वह भी सरकार के शीर्ष पदों पर बैठे लोगों द्वारा।

एंटनी ने कहा, सैन्य अभियान, राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों व संवेदनशील सैन्य अभियानों के बारे में आधिकारिक जानकारी लीक करना वह भी विशेष रूप से वायुसेना के हमले के बारे में, देशद्रोह और राष्ट्र विरोधी गतिविधि है।

इस बारे में सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए एंटनी ने कहा, सरकार ने आजतक इस पर कुछ नहीं कहा है। मुझे यकीन है कि इन राष्ट्र विरोधी गतिविधियों या गुप्त सैन्य अभियानों की जानकारी लीक करने में चार या पांच लोग शामिल थे। इस मामले में जो भी दोषी हो उसे देशद्रोह के लिए दंडित किया जाना चाहिए।

उन्होंने यह भी कहा कि जिस पत्रकार ने इस तरह के गुप्त सैन्य ऑपरेशन का विवरण हासिल किया, उसे सबसे पहले दंडित किया जाना चाहिए।

एंटनी ने कहा, सरकार को तत्काल जांच का आदेश देना चाहिए और जो कोई भी जिम्मेदार है और जो भी सैन्य अभियानों की बात लीक करने का हिस्सा है, उसके प्रति दया नहीं दिखानी चाहिए और उसे दंडित किया जाना चाहिए।

शिंदे ने कहा कि गोस्वामी ने जो किया है वह न केवल देश के लिए, बल्कि पत्रकारिता के लिए भी शर्मनाक है। पिछले कई वर्षो में किसी भी मीडिया संगठन या किसी भी पत्रकार ने ऐसा कृत्य नहीं किया है।

उन्होंने कहा कि देश ने कई युद्ध और विभिन्न दलों की सरकारें देखी हैं, लेकिन आधिकारिक रहस्यों को लीक करने का ऐसा कृत्य कभी नहीं देखा गया।

पूर्व गृहमंत्री ने गोस्वामी और पार्थो दासगुप्ता की बातचीत का जिक्र करते हुए कहा, पुलवामा में हमारे सीआरपीएफ के 40 जवानों के आतंकी हमले में मारे जाने के बाद वे जश्न मना रहे थे।

मंगलवार को, पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने भी यह मुद्दा उठाते हुए सरकार की आलोचना की थी और कहा था कि एक पत्रकार को राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित संवेदनशील जानकारी लीक करना एक आपराधिक कृत्य है और इसके पीछे जो भी लोग हैं, उन्हें जेल में डाल देना चाहिए।

–आईएएनएस

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