अब निर्माण होगा विपरीतलिंगी के लिए अलग शौचालय

नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर में प्रशासनिक अधिकारियों ने विपरीतलिंगी के लिए एक अलग शौचालय का निर्माण कराने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है ।

वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट की तरफ से विपरीतलिंगी के लिए दिए गए महत्वपूर्ण फैसले के बावजूद महाराष्ट्र अभी तक इस मामले में पीछे ही चल रहा है।ऑफिस में हुई बैठक में प्रशासनिक अधिकारी शामिल रहे। वर्ष 2014 में सुप्रीम कोर्ट ने देश के विपरीतलिंगी को स्वतंत्र दर्जा देते हुए कुछ विशेष सुविधाएं मुहैया कराने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद कई सारे राज्यों में विपरीतलिंगी को सुविधाएं दी गई थीं लेकिन महाराष्ट्र इस मामले में काफी पीछे था।

ट्रांसजेंडर्स ने कई सालों पहले अलग शौचालय की मांग की थी। विपरीतलिंगी सार्वजनिक जगहों पर पुरुषों के शौचालय में नहीं जा सकते थे और महिलाओं के शौचालय में जाने पर उन्हें संदेह से देखा जाता था। इसलिए उनके लिए एक अलग शौचालय की मांग की जा रही थी। एलजीबीटी समुदाय के लिए काम करने वाले सारथी ट्रस्ट की तरफ से भी ऐसी मांग की जा रही थी।

समाज में उपेक्षा की भाव से देखे जाने वाले समुदाय को मुख्यधारा में लाने के लिए जिला कलेक्टर सचिन कुर्वे ने अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने बताया, ‘विपरीतलिंगी के लिए अलग समुदाय को प्रयोग के तौर पर बनाया जाएगा। इस समुदाय के लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाने की दिशा में यह पहला कदम होगा। इसके साथ ही जिला प्रशासन दफ्तर तथा हॉस्पिटल में भी विपरीतलिंगी के लिए नौकरी की व्यवस्था की जाएगी।’ बैठक में सारथी ट्रस्ट के सीईओ निकुंज जोशी और विपरीतलिंगी समुदाय से विद्या कुंबले तथा माही टेटे भी मौजूद रहे। निकुंज ने बताया कि सरकार और प्रशासन के साथ ही लोगों का शिक्षित होना भी जरूरी है।