अब अक्षय और जूही बनेंगे सांसद!

मुंबई: संभव है कि आप आने वाले दिनों में अक्षय कुमार और जूही चावला को संसद में देखें। दोनों कलाकार इस कोशिश में लगे हैं कि उन्हें अप्रैल में राज्यसभा में खाली होने वाली सीटों पर बैठने का मौका मिल जाए। दरअसल, कला, संस्कृति, साहित्य एवं समाजसेवा के क्षेत्र से राज्यसभा के लिए राष्ट्रपति की ओर से मनोनीत की जाने वाली 12 हस्तियों में से तीन का कार्यकाल अप्रैल में खत्म होने जा रहा है। ये हस्तियां हैं, व्यवसायी अनु आगा, क्रिकेटर सचिन तेंडुलकर तथा फिल्म अभिनेत्री रेखा। अब इनकी सीटों पर जगह पक्की करने के लिए फिल्म इंडस्ट्री और लेखकों में होड़ शुरू हो गई है। सदन में उपस्थिति के सबसे खराब रिकॉर्ड (साढ़े चार पर्सेंट) को लेकर आलोचना झेल चुकीं रेखा ने छह साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। अब देखना यह है कि उनके स्थान पर किस सितारे को राज्यसभा भेजा जाता है। भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो राज्यसभा में खाली होने वाली रेखा की सीट के लिए कई फिल्मी सितारों ने पार्टी आलाकमान से खुद गुहार लगाई है, जबकि कुछ ने मंत्रियों के माध्यम से सिफारिश लगवाई है।

ये भी दौड़ में
सूत्रों के अनुसार, नामांकन की होड़ में फिलहाल अक्षय कुमार, जूही चावला और गजेंद्र चौहान का नाम आगे है। हालांकि सलमान खान के पिता सलीम खान, विवेक ओबेरॉय के पिता सुरेश ओबेरॉय, ऋषि कपूर, जैकी श्रॉफ, आशा पारेख, मधुर भंडारकर और अनुपम खेर के नामों को भी सरकार तक पहुंचाया जा रहा है।

पीएम के करीबी
माना जा रहा है कि अक्षय कुमार शौचालय निर्माण, प्रधानमंत्री के स्वच्छता अभियान और शहीद जवानों के लिए धनसंग्रह में सक्रियता दिखाकर पीएम मोदी के करीब आ गए हैं, इसलिए उनके नाम पर मोहर लगाई जा सकती है। यदि उनके नाम को लेकर कोई परेशानी होती है, तो उनकी सास डिंपल कापड़िया को मौका दिया जा सकता है, जो अल्पसंख्यक समुदाय से हैं और गुजरातीभाषी भी।

पीएम के करीबी

चौहान और जूही की दावेदारी

संघ के करीबी के चलते गजेंद्र चौहान के राज्यसभा जाने की संभावना भी काफी प्रबल है। पुणे के फिल्म इंस्टिट्यूट का अध्यक्ष पद संभालने के बाद वह भले ही विवादों में रहे, लेकिन सरकार और संघ ने उनका साथ नहीं छोड़ा। इससे पता चलता है कि उन्हें चाहने वालों की पार्टी में कमी नहीं है। कैग की रिपोर्ट में सराहना के चलते भी उनकी दावेदारी मजबूत हुई है। उधर जूही चावला के नाम पर भी विचार किया जा सकता है, क्योंकि वे मोबाइल टावरों की रेडिएशन के खिलाफ राष्ट्रव्यापी अभियान छेड़ चुकीं हैं और उनके पति जय मेहता का ठोस गुजरात कनेक्शन है।

चौहान और जूही की दावेदारी