पलानीस्वामी ने कहा कि उनकी सरकार ने फरवरी में विधानसभा में जो अंतरिम बजट पेश किया था, उसमें राज्य की वित्तीय स्थिति को मीडिया के माध्यम से जनता को उपलब्ध कराया गया था।
उन्होंने कहा कि द्रमुक ने राज्य की वित्तीय स्थिति को अच्छी तरह से जानने के बावजूद चुनाव के दौरान दावा किया था कि वह सत्ता संभालने के बाद ऑटो ईंधन की कीमत कम करेगी, जिससे लोगों में गलतफहमी पैदा हुई।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्नाद्रमुक सरकार ने राज्य की वास्तविक वित्तीय स्थिति को छुपाकर नहीं रखा और इसे सार्वजनिक कर दिया।
अन्नाद्रमुक के मुख्य समन्वयक और विपक्ष के उपनेता ओ. पनीरसेल्वम ने सोमवार को एक बयान में कहा कि जब से द्रमुक सरकार सत्ता में आई है, पेट्रोल और डीजल की कीमतों में क्रमश: 5 रुपये और 4 रुपये की वृद्धि हुई है।
पन्नीरसेल्वम ने कहा कि द्रमुक सरकार द्वारा किए गए कई चुनावी वादों का सोमवार को राज्यपाल के नीतिगत संबोधन में उल्लेख नहीं किया गया।
उन्होंने कहा कि घरेलू बिजली उपभोक्ताओं के मासिक बिलिंग चक्र या सरकारी कर्मचारियों और शिक्षकों के लिए पेंशन योजना का कोई उल्लेख नहीं था।
पन्नीरसेल्वम ने कहा कि मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने अपनी पालतू योजना उंगल थोगुथियिल मुथलमैचर (आपके निर्वाचन क्षेत्र में सीएम) में दावा किया था कि राज्य सरकार ने 63,500 याचिकाओं का निपटारा किया है, लेकिन प्राप्त होने वाली कुल याचिकाओं पर कोई विवरण नहीं दिया गया था।
एएमएमके नेता टी.टी.वी. दिनाकरन भी राज्यपाल के अभिभाषण के खिलाफ सामने आए और कहा कि सरकार मेकेदातु बांध मुद्दे, राष्ट्रीय पात्रता-सह-प्रवेश परीक्षा (एनईईटी) और ऑटो ईंधन पर कर सहित कई अन्य मामलों पर स्पष्ट नहीं है।
–आईएएनएस
एसजीके