उन्होंने आगे कहा, लिपस्टिक अंडर माय बुर्का, द डर्टी पिक्च र, डॉली किट्टी और वो चमकते सितारें जैसी सशक्त महिला केंद्रित कहानियों को दर्शकों के सामने लाने का उनका खुद का निर्णय है।
एकता कहती हैं, मैंने यह फैसला काफी सोच-समझकर लिया है। अधिकतर देशों में महिलाओं की सेक्सुअलिटी को पाप समझा जाता है। यह एक बहुत बड़ी समस्या है और मुझे कई बार बताया गया है कि अपने टेलीविजन शोज में महिलाओं को साड़ी और बिदी के साथ दिखाकर मैं भी इस सफर का एक बड़ा हिस्सा रही हूं। हालांकि मैं देश में महिलाओं के विकास को देखकर अचम्भित हूं। मैं लोगों की इस बात को मानने से परहेज करती हूं क्योंकि साड़ी या स्विमसूट पहनना एक महिला की अपनी मर्जी है।
उन्होंने आगे कहा, उन्होंने घरेलू मुद्दों से जूझतीं महिलाओं के संघर्ष की कहानियों को दर्शाया है और अब उन महिलाओं की कहानियों को बताने का समय है जिनके पास अन्य मुद्दे हैं।
–आईएएनएस
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