अगले वित्तवर्ष की दूसरी तिमाही में 4.7 फीसदी रह सकती है वृद्धि दर

मुंबई, 12 नवंबर (आईएएनएस)| सरकार यह बात बार-बार कह रही है कि सुस्ती चक्रीय प्रकृति की है और जल्द ही सुधार दिखाई देगा, लेकिन आंकड़े कुछ और ही कहानी बयान करते हैं। कोटक की एक रिपोर्ट में आईआईपी की खराब संख्या के बाद मंगलवार को कहा गया कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर वित्तवर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में पूर्व में अनुमानित 5.2 प्रतिशत से बदले 4.7 प्रतिशत रह सकती है।

कोटक ने कहा कि उपभोक्ता और निवेश के कारण आई इस सुस्ती के बीच वित्त वर्ष 2020 की पहली तिमाही में निराशाजनक शुरुआत के बाद उच्च तीव्रता वाले संकेतक बताते हैं कि वित्तवर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में आर्थिक गतिविधि बदतर हो गई है, और यह तब है जब सरकारी खर्च में वृद्धि हुई है।

कोटक की रपट में कहा गया है, “हमें अब वित्तवर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में 4.7 प्रतिशत (पहले 5.2 प्रतिशत) रहने का अनुमान है। हालांकि सरकार ने कॉरपोरेट टैक्स में कटौती और रुकी हुई परियोजनाओं को मदद देने के लिए एक नए फंड की घोषणा की है, फिर भी मांग के अभाव में नहीं लगता कि निकट भविष्य में वृद्धि दर में इन सबका कोई खास योगदान हो पाएगा।”