सिन्हुआ समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक, बुधवार को यहां की सर्वोच्च अदालत ने एक को 15 साल जेल की सजा, तीन को 10 साल जेल की सजा और चार अन्य लोगों को पांच साल कैद की सजा सुनाई है।
मिस्र में उम्रकैद की सजा 25 साल की होती है।
साल 2015 में हुई इस घटना में मूल रूप से 190 अभियुक्त शामिल थे। इनमें से 66 लोगों को हिरासत में लिया गया था, वहीं बाकी लापता हैं।
जिन्हें गिरफ्तार किया गया था, वे सोहाग के एक गुफे में अपने पास हथियार वगैरह लेकर छुपे हुए थे।
इन पर आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के बारे में योजना बनाने और पुलिस अधिकारियों के साथ-साथ आर्थिक व सार्वजनिक संस्थानों को निशाना बनाने के आरोपों का सामना करना पड़ा था।
इन पर शासन व्यवस्था का उल्लंघन करने का भी आरोप लगा।
–आईएएनएस
एएसएन/आरजेएस
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