मुख्य सचिव ने कहा कि उन्होंने सतलुज और ब्यास नदियों के लिए एनजीटी द्वारा नियुक्त न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जसबीर सिंह की अध्यक्षता वाली निगरानी समिति को आश्वासन दिया है कि राज्य लोगों को स्वच्छ और सुरक्षित पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।
महाजन ने यह भी आश्वासन दिया कि राज्य ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए अपने प्रयासों को तेज करेगा, जिसमें जैव चिकित्सा और प्लास्टिक शामिल हैं।
पूर्व मुख्य सचिव एससी अग्रवाल, पर्यावरणविद् बाबा बलबीर सिंह सीचेवाल (दोनों सदस्य) और तकनीकी विशेषज्ञ बाबूराम वाली पैनल ने मुख्य सचिव को राज्य में नदियों और जल प्रबंधन में सुधार के संदर्भ में पर्यावरण संबंधी मुद्दों के बारे में बताया।
समिति को विशेष रूप से 2019 में विभिन्न पर्यावरणीय मुद्दों पर ध्यान देने के लिए राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण के आदेश पर गठित किया गया था।
–आईएएनएस
एसआरएस/एसजीके
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