दोपहर तक केरल में 50 प्रतिशत मतदान

तिरुवनंतपुरम, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। यदि आधे समय तक मतदान में तेजी की रफ्तार कोई संकेत है तो इस बार केरल में नतीजे कुछ और ही संकेत करते हैं। दोपहर तक केरल के 50 फीसदी मतदाता पहले ही अपने मताधिकार का प्रयोग कर चुके थे।

अगर 2016 के विधानसभा चुनावों को देखें तो राज्य में कुल 77.5 प्रतिशत मतदान हुआ, 2019 के लोकसभा चुनावों में यह बढ़कर 77.84 प्रतिशत हो गया, लेकिन दिसंबर 2020 के स्थानीय निकाय चुनावों में यह घटकर 76.20 प्रतिशत रह गया।

तिरुवनंतपुरम लोकसभा के सदस्य शशि थरूर ने कहा कि जैसे हालात सामने आते हैं और अच्छे नतीजे मिलते हैं, तो यह कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ के लिए अच्छा साबित हो सकता है।

लोकप्रिय कॉमेडियन और 2016 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस के उम्मीदवार को हारने वाले जगदीश जिन्होंने वर्तमान चुनावों में यूडीएफ उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया था, उन्होंने महसूस किया कि मतदाताओं की बढ़ती संख्या वोट करने के लिए बढ़ रही है और 50 प्रतिशत तक पहुंचना यूडीएफ के लिए अच्छा संकेत हो सकता है।

957 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 1,41,62,025 महिलाओं, 1,32,83,724 पुरुषों और 290 ट्रांसजेंडर मतदाताओं द्वारा किया जाएगा।

सख्त कोविद प्रोटोकॉल के अनुसार मतदान हो रहा है और 2016 के विधानसभा चुनावों में, 21,498 मतदान केंद्र थे। इस बार कोविद महामारी के कारण मतदान केंद्रों की संख्या 40,771 हो गई है।

मतदान शाम 7 बजे समाप्त होगा और अंतिम घंटे कोविद सकारात्मक रोगियों और संगरोध में उन लोगों के लिए अलग रखा गया है।

चुनाव लड़ने वाले प्रमुख राजनीतिक मोर्चे सत्तारूढ़ सीपीआई-एम के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) हैं। कांग्रेस ने यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) का नेतृत्व किया और भाजपा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का नेतृत्व किया।

निवर्तमान विधानसभा (2016 के चुनाव) में एलडीएफ को 91 सीटें, यूडीएफ को 47, एनडीए को एक सीट और एक निर्दलीय विधायक के पास हैं।

–आईएएनएस

आरजेएस