ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट पॉलिसी को सरकार से मंजूरी मिली

पुणे समाचार – मेट्रो और अन्य पब्लिक ट्रांसपोर्ट के लिए जरूरी फंड के लिए राज्य सरकार ने ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट (टीओडी) पॉलिसी को मंजूरी दी है। इसके अनुसार टीओडी जोन में बढ़ाए गए कंस्ट्रक्शन के वक्त 25 फीसदी टीडीआर का इस्तेमाल करना अनिवार्य किया गया है। इसे बढ़ाकर 40 फीसदी तक किया जाएगा। यह निर्णय मनपा ने लिया है। प्रशासन ने बताया कि इस निर्णय की जानकारी सरकार को दी गई है।

पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट के विकास के लिए विकास नियंत्रण नियमावली के अनुसार राज्य सरकार ने टीओडी पॉलिसी घोषित की है। इसके अनुसार मेट्रो स्टेशन परिसर के 500 मीटर तक सड़क की चौड़ाई अधिक से अधिक 4 एफएसआई होगी। ऐसे में प्रीमियम एफएसआई को बढ़ावा मिलेगा और इससे फंड जेनरेट होगा। सरकार ने इस प्रीमियम एफएसआई की दर निश्चित करते हुए घरों के निर्माणकार्यों के लिए रेडी रेकनर का 60 फीसदी जबकि व्यवसायिक प्रॉपर्टी के लिए रेडी रेकनर का 75 फीसदी निश्चित की है, लेकिन उस वक्त सरकार ने टीडीआर को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रीमियम एफएसआई खरीदने व 25 प्रतिशत टीडीआर के इस्तेमाल की छूट है। इससे टीडीआर अधिक इस्तेमाल की जाएगी और टीडीआर की फिर से मांग बढ़ने से मनपा को इसका फायदा होगा। इस तरह का निर्णय लेने के लिए सरकार ने मनपा को एक महीने का समय दिया था।

इस तरह होगा फायदा

मनपा द्वारा डेवलपमेंट प्लान के तहत जमीन कब्जे में लेने के लिए जमीन मालिकों को टीडीआर देने को प्राथमिकता दी जाती थी। कुछ वर्ष पहले तक यह टीडीआर कुछ निश्चित लोगों के हाथों में रहने की वजह से उसकी दर पहुंच से बाहर चली गई थी। इसलिए सरकार ने मनपा के डेवलपमेंट प्लान में प्रस्तावित प्रीमियम एफएसआई के कांसेप्ट को बढ़ावा मिला। इसलिए टीडीआर की मांग घट भी गई और कीमत भी कम हो गई है। ऐसे में मनपा को इस बात का अंदेशा है कि जमीन मालिक जमीन देते वक्त कैश रकम की मांग करेंगे। इस बात को ध्यान में रखते हुए बाजार में उपलब्ध टीडीआर का इस्तेमाल बढ़ाने के लिए टीओडी जोन में 40 प्रतिशत टीडीआर के इस्तेमाल की छूट देने से मनपा के कब्जे में जमीन देने पर कैश रकम नहीं देना पड़ेगी। इस बात को ध्यान में रखते हुय निर्णय लिया गया है।