पुलिस थानों की गतिविधियों की पोलखोल करेंगे ‘नायक’

पिंपरी : समाचार ऑनलाईन – गत वर्ष स्वाधीनता दिवस से अस्तित्व में आए पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्तालय में अधिकारियों व कर्मचारियों की पोस्टिंग का दौर हाल ही में पूरा हुआ है। मनचाही औऱ जहां- तहां पोस्टिंग पाने के बाद भी अधिकारी और कर्मचारियों को राहत नहीं मिल सकी है, क्योंकि पोस्टिंग में लगातार फेरबदल के दौर शुरू ही हैं। उसी में अधिकारियों की दिक्कत बढ़ाने वाला एक फैसला उनके लिए सिरदर्द साबित हो सकता है। एक बार पोस्टिंग मिलने के बाद कम से कम दो साल अपनी सत्ता प्रस्थापित करने की सिस्टम पर पुलिस आयुक्त आरके पद्मनाभन ने लगाम कसने के लिए नायाब फंडा अपनाया है। जैसे बहुचर्चित ‘नायक’ फ़िल्म में अनिल कपूर को एक दिन का मुख्यमंत्री बनाया जाता है, ठीक उसी तरह से वरिष्ठ अधिकारियों की पोस्टिंग खासकर पुलिस थानों में एक दिन का कामकाज दूसरे अधिकारी को सौंपा जाएगा। थानों में एक दिन का प्रभारी नियुक्त किए जाने वाले पुलिस आयुक्त के ये ‘नायक’ थानों के कामकाज का आकलन कर उसकी रिपोर्ट पेश करेंगे।
पुणे शहर व पुणे जिला (ग्रामीण) पुलिस थानों के विभाजन के बाद स्वतंत्र पिंपरी चिंचवड पुलिस आयुक्तालय की स्थापना की गई है। पहले पुलिस आयुक्त के तौर पर इसकी कमान सँभालनेवाले आरके पद्मनाभन मनुष्यबल, वाहन और संसाधनों की कमी की चुनौती के साथ शहर में कानून व्यवस्था बनाये रखने में जुटे हैं। नए आयुक्तालय में शामिल 15 पुलिस थानों में पहले काम कर चुके कई अधिकारियों ने यहां पोस्टिंग पाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगाया। उनमें से कइयों को कुछ हद तक सफलता भी मिली। मनचाही या फिर जहाँ-तहाँ पोस्टिंग पाने के बाद भी यहां के अधिकारियों को स्थिरता प्राप्त नहीं हो सकी है। क्योंकि पुलिस आयुक्त की सब पर कड़ी नजर है। पोस्टिंग के बाद अपना साम्राज्य स्थापित करने के दौरान कामकाज में लापरवाही बरतने और मनमानी करनेवाले अधिकारी उनकी नजर से बच नहीं सके हैं। नतीजन पोस्टिंग में लगातार फेरबदल जारी है। हाल ही में लोकसभा चुनाव के मद्देनजर फिर एक बार भारी फेरबदल किये गए हैं।
कोई भी अधिकारी अपनी पोस्टिंग की जगह अपना साम्राज्य नहीं बना सकता न ही लापरवाही और मनमानी करके बच नहीं सकता। लगातार यह संदेश देने की कोशिशों में जुटे रहे पुलिस आयुक्त आरके पद्मनाभन अब एक नायाब फंडे से अपने अधिकारियों के कामकाज पर नजर रख रहे हैं। अनिल कपूर द्वारा अभिनीत ‘नायक’ फ़िल्म में जैसे उन्हें एक दिन का मुख्यमंत्री बनाया गया था, ठीक उसी तरह से पुलिस थानों में एक दिन के प्रभारी के तौर पर दूसरे अधिकारी को नियुक्त किया जा रहा है। इस एक दिन के प्रभारी को बतौर प्रभारी के सभी अधिकार प्रदत्त रहेंगे। उस एक दिन में संबंधित पुलिस थाने के कामकाज, उसकी सीमा में अवैध धंधे, बंदोबस्त, सुरक्षा व्यवस्था आदि को लेकर फैसले करने के अधिकार उन्हें रहेंगे। इस एक दिन के कामकाज की विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर पुलिस आयुक्त को सौंपी जाएगी। पुलिस आयुक्त के इस एक दिन के ‘नायकों’ की नियुक्ति से प्रस्थापित अधिकारियों में खलबली मच गई है। इस बारे में पुलिस आयुक्त आरके पद्मनाभन ने बताया कि थानों के कामकाज में सुधार और सूसूत्रता लाने व एक अच्छी व्यवस्था देने के लिहाज से यह फैसला किया गया है।