इंटर ब्रांच संशोधन पर ध्यान देना जरुरी : विक्रम सालुंखे

पुणे : समाचार ऑनलाइन – अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना उत्पादन लेकर जाना हैं तो हमें आंतरशाखीय संशोधन पर ध्यान देना चाहिए। उसी प्रकार अभियांत्रिकी के विविध शाखा के संगठन से अभिनव उत्पादन निर्माण करना सफल हो सकता है। उस से रोजगार के नए माध्यम शुरू हो सकते हे। इसलिए छात्रो को यंत्र अभियांत्रिकी के साथ अन्य शाखा का भी ज्ञान होना जरुरी है। यह परामर्श एक्यूरेट गेजिंग इंस्टूमेंट्स के व्यवस्थापकीय संचालक विक्रम सालुंखे ने दिया।

पुणे विद्यार्थी गृह के अभियांत्रिकी, प्रौद्योगिकी महाविद्यालय के साथ ही सावित्रीबाई फुले पुणे विद्यापीठ के सहकार्य से ‘यंत्र अभियांत्रिकी क्षेत्र की प्रगती’ इस संकल्पना पर आधारित दो दिन के कार्यशाला का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर पुणे विद्यार्थी गृह के संचालक सुनील रेडेकर, प्रा. राजेंद्र कडूसकर, प्राचार्य डॉ. योगेश नेरकर, उपप्राचार्य डॉ. के. जी. कुलकर्णी, यंत्र अभियांत्रिकी विभाग के प्रमुख डॉ. शिवाजी गवली आदि उपस्थित थे।

कार्यशाला मे मलेशिया के डॉ. अब्दुल खालिफ, आंतरशाखीय ख्यातिके तज्ञ डॉ. विजय वऱ्हाडे, डॉ. सबीन मिश्रा, डॉ. नजीब खान, डॉ. प्रदीप हेडगे ने मार्गदर्शन किया। डॉ. एम. एम. भूमकर और डॉ. जी. एम. मोडक जी ने समन्वय किया।