गुस्से में बत्रा हॉस्पिटल के चीफ बोले- पता नहीं देश कौन चला रहा

ऑनलाइन टीम. नई दिल्ली : सोमवार को कर्नाटक के अस्पताल में ऑक्सीजन की किल्लत से 24 मरीज जान गंवा बैठे। इसके पहले शनिवार को दिल्ली के बत्रा हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से 12 मरीजों की मौत हो गई है। इस घटना से आहत बत्रा हॉस्पिटल के चिकित्सा निदेशक डॉ. एससीएल गुप्ता बिफर पड़े। उन्होंने कहा कि यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी त्रासदी है। रुआंसे स्वर में कहा-मरीज मर रहे हैं, क्योंकि हमारे पास ऑक्सीजन नहीं है और सरकार कहती है कि देश में ऑक्सीजन की कमी नहीं है। पूरा देश देख रहा है कि ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा हुआ है।

ऑक्सीजन की कमी ने अनेक लोगों के जीवन पर मंडरा रहे खतरे को और बढ़ा दिया है। कई अस्पतालों में जहां ऑक्सीजन की भारी कमी झेलनी पड़ रही है, वहीं कई अस्पतालों के पास कुछ ही घंटे का स्टॉक बचा है। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इन अस्पतालों में भर्ती मरीजों का क्या होगा। हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मैक्स अस्पताल को ऑक्सीजन की आपूर्ति की मांग को लेकर हाईकोर्ट की शरण में जाना पड़ गया, जिसके बाद कोर्ट ने केन्द्र सरकार को कड़ी फटकार लगाते ऑक्सीजन उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।वहीं अपोलो, फोर्टिस, मैक्स, सर गंगाराम जैसे प्रसिद्ध अस्पतालों में भी ऑक्सीजन की भारी कम चल रही है। वहीं माता चानन देवी अस्पताल में सुबह ऑक्सीजन खत्म हो गई, जहां 200 मरीजों का इलाज चल रहा है।

ऐसे हालात सिर्फ दिल्ली ही नहीं लखनऊ, मुंबई, पुणे, पटना, भोपाल सहित बड़े और छोटे शहरों में आम देखे जा सकते हैं। विशेषज्ञों ने कहना है कि छोटे नर्सिंग होम और क्लीनिक में पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन पड़ी है, डाटा तैयार करना होगा, क्योंकि मरीज अस्पतालों में उपचार के लिए तड़प रहे हैं, लेकिन संसाधन की कमी के चलते डॉक्टर भी मजबूर नजर आ रहे हैं।  साफ है कि कोरोना की पहली लहर से भी किसी ने कोई सबक नहीं लिया।

ऐसे में आमजन के लिए जानलेवा कोरोना से बचने के लिए मास्क लगाना, सोशल डिस्टेसिंग, सेनेटाइजेशन और थर्मल स्कैनिंग का विशेष ध्यान रखें। वहीं खासी, जुकांम या बुखार होने पर तुरंत जांच करवाएं और विशेषज्ञ चिकित्सकों से उपचार करवाएं।