संसाधनों के अंधाधुंध उपयोग पर पुनर्विचार का संयुक्त राष्ट्र का आह्वान

 नैरोबी, 12 मार्च (आईएएनएस)| संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण की एक रिपोर्ट में मंगलवार को कहा गया है कि संसाधन उभोग 1970 से तीन गुणा अधिक बढ़ गया है, वहीं गैर-धात्विक खनिज के इस्तेमाल में पांच गुणा और जीवाश्म ईंधन में 45 फीसदी की वृद्धि हुई है।

 ग्लोबल रिसोर्स आउटलुक 2019 रिपोर्ट के मुताबिक, 2060 तक वैश्विक खनिज का इस्तेमाल (92 अरब से) दोगुना बढ़कर 190 अरब टन हो सकता है, जबकि ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन 43 फीसदी तक बढ़ सकता है।

यह रिपोर्ट यहां चल रही संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण सभा में जारी की गई, जिसमें कहा गया कि खनिजों के निष्कर्षण में तेज वृद्धि जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता हानि की प्रमुख दोषी है। जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता हानि एक चुनौती है, जो तब तक बिगड़ती जाएगी जब तक कि दुनिया संसाधन उपयोग के एक प्रणालीगत सुधार को तत्काल शुरू नहीं करती।

रिपोर्ट में कहा गया है, “2010 तक भू-उपयोग बदलावों के कारण करीब 11 फीसदी वैश्विक प्रजातियों की हानि हुई।”

रिपोर्ट में रणनीतिक निर्णय लेने और एक स्थायी अर्थव्यवस्था में परिवर्तन हेतु नीति निर्माताओं का समर्थन करने के लिए 1970 के दशक से प्राकृतिक संसाधनों के रुझान और उनके अनुरूप खपत पैटर्न का परीक्षण किया गया।

पिछले पांच दशकों में जनसंख्या दोगुनी हुई है और वैश्विक घरेलू उत्पाद चार गुना तक बढ़ गया है।

रिपोर्ट में पाया गया कि इसी अवधि में खनिजों का वार्षिक वैश्विक निष्कर्षण 27 अरब टन से बढ़कर 92 अरब टन (2017 तक) हो गया। वर्तमान रुझान दर्शाते हैं कि अगर यह चलन जारी रहा तो 2060 तक खनिज निष्कर्षण फिर से दोगुना हो जाएगा।

संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण की कार्यवाहक कार्यकारी निदेशक जॉयस मसूया ने कहा, “ग्लोबल रिसोर्स आउटलुक रिपोर्ट दर्शाती है कि हम इस धरती के सीमित संसाधनों का इस तरह दोहन कर रहे हैं, जैसे कि कल है ही नहीं, जिससे जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता को एक साथ नुकसान पहुंच रहा है।”

उन्होंने कहा, “सच कहूं तो अगर हम नहीं रुके तो कई लोगों के लिए कल होगा ही नहीं।”